स्कूल एक उत्तम स्थान है जहाँ विभिन्न परिवारों, सम्प्रदायों तथा संस्कृतियों के बालक शिक्षा प्राप्त करने आते है। साथ-साथ रहते हुए बालकों में सामाजिकता, शिष्टाचार, सहानभूति, निष्पक्षता तथा सहयोग अदि वांछनीय गुणों, आदतों तथा रुचियों का विकास स्वत: ही हो जाता है। यही नहीं, उनमे एक-दूसरे के सांस्कृतिक गुण भी विकसित हो जाते हैं। इसलिए स्कूल को बालकों में बहुमुखी संस्कृति विकसित करने का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। हरिश्चन्द्र इण्टर कॉलेज वही उत्तम स्थान है जहाँ एक छात्र बालक का सर्वांगीण विकास होता है.
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